ॐ नमः श्री गुरवे देवाय परम पुरुषाय सर्व देवता वाशिकराय सर्व रिश्ता विनाशाय सर्व मंत्र छेदनाय
त्रैलोकयां वशमानय ॐ गुं रूं ॐ ॐ ॐ स्वाहा इति मंत्र II
ॐ ऐं कलां क्लीं कलूँ ह्राँ ह्रीं ह्रुं सौं दत्तात्रेय नमः II
मंदर मुले मनिपिठा संस्थ सुवर्ण दानैक निबद्ध दिक्षम
धायेत्परितम नवनाथ सिद्धे दारिद्र्य दावानल कालमेघम II
Monday, September 8, 2008
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